वो एक फीमेल काले रंग की मासूम पप्पी है थी क्या पता है /या नहीं अब? क्योंकि परसों उसकी हालत चिंताजनक व दयनीय थी. किसी ने उसे रात में ठोक दिया था जरूर वो नशे में रहा होगा. ये बेचारी सड़क पर ही सो रही थी ये मासूम पप्पी कंहा समझते है कि सड़क उनका घर नहीं वो वंहा खेलते और सो जाते है. बस एक नशेड़ी गाड़ी वाला आया और मासूम नन्ही जान को कुचल कर चले गया. ये रात भर कलपती रही. सुबह 10बजे के बाद ज़ब पंचर की दुकान वाला आया और उसने इस मासूम को तड़पते देखा तो डॉक्टर को फोन किया. डॉक्टर ने दवा -इंजेक्शन दिया पर उस बच्ची को ऑपरेशन की जरूरत थी जो संडे की वजह से सम्भव नहीं था. नहीं पता उस बेचारी का क्या हुआ होगा?
उस आदमी ने उसे पलट कर बताना चाहा कि वो तो शांति से सो रही है मैंने उसे पलटने से मना कर दी क्योंकि उस बच्ची को बहुत तकलीफ थी chest फट गया था और डॉक्टर संडे होने से अवेलेबल नहीं थे.एक दिन पहले ही तो मैंने उस मासूम को बिंदास घूमते देखी थी और अब ये वज्रपात हम पर…..
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